इंसानों की फितरत हमेशा नए-नए प्रयोग और खोज करने की होती है। खासकर अंतरिक्ष में मौजूद अलग-अलग ग्रहों के बारे में तो जानना हमेशा से दिलचस्प रहा है। इनमें मंगल ग्रह सबसे खास है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी के अलावा अगर कोई ग्रह इंसानों के रहने लायक हो सकता है तो वो मंगल ही है। यहां पानी के होने के भी कई सबूत मिले हैं। इसको लेकर खोज अभी भी जारी है। ऐसी ही नई-नई खोज के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपना 'मार्स मिशन' लॉन्च करने वाली है। इस मिशन की सबसे खास बात ये है कि नासा पहली बार रोवर के साथ एक ड्रोन हेलीकॉप्टर भी मंगल ग्रह पर भेजेगा। इसी वजह से इस मिशन का नाम परसिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर रखा गया है।
नासा के मुताबिक, रोवर मंगल ग्रह की सतह पर चलकर जानकारियां इकट्ठा करेगा जबकि हेलीकॉप्टर उड़कर। इसमें मार्स रोवर 1000 किली वजनी है जबकि ड्रोन हेलीकॉप्टर दो किलो का है। रोवर में मार्स एनवायर्नमेंटल डायनेमिक्स एनालाइजर भी लगा है, जो वहां के तापमान, धूल, वायुदाब और रेडिएशन आदि का पता लगाएगा। इससे यह जानने में आसानी होगी कि मंगल ग्रह इंसानों के रहने लायक है या नहीं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो मार्स रोवर 18 फरवरी, 2021 तक मंगल ग्रह की सतह पर उतर सकता है।
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